उनसे दुआ सलाम का जो सिलसिला हुआ
थोडा भला हुआ मेरा, ज्यादा बुरा हुआ
माकूल ना हुई कभी दुनिया तो क्या गिला
मेरा लिखा हुआ था जो मुझ-सा कहाँ हुआ
अखबार देख कर कभी अफ़सोस हो तो हो
हम अपने घर में बंद थे जब हादसा हुआ
किन किन घरों में मेरे कई ख़त अत हुए
तुमसे मिला तो मै भी अज़ब बेपता हुआ
तुम ही कहो किसी से था शिकवा मेरा कभी
तुम पर मेरी उम्मीद थी, तुमसे गिला हुआ
हर रोज हादसे नए, हर दिन नै तलाश
हर रोज अपने कद से मै थोडा बड़ा हुआ
वो आसमां से फैसले करता है हमारा
वो है कि नहीं इसका कहाँ फैसला हुआ
'1971 के नरसंहार के लिए माफी और 4.3 अरब डॉलर मुआवजा', बांग्लादेश ने
पाकिस्तान से की मांग
-
बांग्लादेश ने 1971 से पूर्व संयुक्त पाकिस्तानी परिसंपत्तियों में से अपने
हिस्से के रूप में 4.52 बिलियन डॉलर का दावा किया, जिसमें विदेशी सहायता,
बकाया भविष्...
4 घंटे पहले
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें